Saturday, August 15, 2009

नमस्कार ,
आज हम सभी अपने देश का ६२वा स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं, और मेरी तरफ़ से सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं । हम सभी स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं बड़ी धूमधाम से लेकिन क्यों हम ऐसा क्यूँ कर रहे हैं हमारे स्वतंत्रता दिवस मनाने क लिए इतना परेशान होने की जरुरत तो है नही अब ओ हम आजाद है हमें कोई परेशानी तो है नही हम तो सभी सुख सुविधाओं से संपन्न हैं । लेकिन हम आज यह सब क्यूँ कर रहे हैं इसका जवाब है मेरे पास ........ एक गीत था शायद आप सभी को याद हो... " लायें हैं तूफान से कसती निकाल के , मेरे देश को रखना मरे बच्चों संभल के" आज हम सभी इसी गीत को सार्थक करने के लिए इस महापर्व को मनाते हैं । आज हम संकल्प लेते हैं की हम इस देश को कोई भी आंच नही आने देंगे ।

Friday, April 3, 2009

बेटा जो ठहरा


दामाद जी अस्पताल की जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर एवं बिल का भुगतान करके आ गए। डॉक्टर ने अस्पताल से छुट्टी दे दी थी तो वे कमला को एक वैन में आराम से लिटाकर घर ले आए। बेटियों की अथक सेवा से उसकी पीडा काफी कम हो गई थी। एक शाम निशा ने मां के बालों को संवारते हुए प्यार से पूछा, मां! तुम्हें यहां कोई तकलीफ तो नहीं है। नहीं बेटी! मां यदि किसी चीज की इच्छा हो तो बताओ मैं ला दूंगी। निशा ने फिर पूछा। कुछ समय मौन रहकर स्वर निकला, सुशील को बुला दो। निशा स्तब्ध रह गई। किस सुशील को? वह जो दस वर्ष पूर्व शादी करके अमेरिका चला गया और तब से आज तक उसने मां की कोई खोज-खबर नहीं ली। यहां तक कि मां की बीमारी का समाचार मिलने पर भी नहीं आया! मां की यह इच्छा आज बेटियों की सेवा को सुशील की तुलना में कम कर गई थी।

Tuesday, March 10, 2009

yeh hai gareebi

...Ek Ameer Ladki ko schoolme garib parivar pe essaylikhne ko kaha gya.essay me usne likha.ik garib parivar tha.pita garib,maa garib,bache garibparivar me 4 naukr the, wo bhi gareeb.car bhi tutti hui safari thi.unka garib driver bachon ko tutti car me school chood k aata tha.bachon k paas purana n95 mobile tha.bache hafte me 3 bar hi chicken khate the.ghar me 4 hi 2nd hand a.c. the.sara parivar badi mushkil seaish kar raha tha...bechara kitna gareeb parivaar tha na....